एक भी जगह से नदी में नहीं मिले सीवरेज का पानी
नगर निगम द्वारा शहर में किए जा रहे नाला टेपिंग के सर्वे के तीसरे दिन मंगलवार तक 5494 आउटफॉल चिन्हित किए गए।
मंगलवार को 1134 आउटफॉल चिन्हित किए गए। इन सभी आउटफॉल के कारण खान और सरस्वती में गंदा पानी मिलता है। इसका कारण शहर के साढ़े पांच हजार से ज्यादा घरों के ड्रेनेज का पानी है। ये पानी घरों से सीधे नालों में छोड़ा जाता है। सर्वे बुधवार को पूरा किया जाएगा।
गौरतलब है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी), स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 और वाटर प्लस प्रोटोकॉल के कारण निगम को इस तरह के नालों के आउटफॉल को अक्टूबर तक बंद करना अनिवार्य है। ऐसा न होने पर सर्वेक्षण में इंदौर को नंबर कम मिलेंगे और एनजीटी निगम पर जुर्माना भी लगा सकता है। मंगलवार को निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने मूसाखेड़ी, राम नगर, एकता नगर व अन्य क्षेत्रो में सर्वे और नाला टेपिंग कार्य का निरीक्षण किया। उन्होंने एकता नगर नाले पर किए गए आउटफॉल टेपिंग ज्वाइंट का भी अवलोकन किया। अधीक्षण यंत्री सुनील गुप्ता के मुताबिक सर्वे के आधार पर अभी तक 1826 घरों को नोटिस दिए गए हैं। नाले किनारे बसी निचली बस्तियों के घरों में ड्रेनेज लाइन नहीं होने के कारण वहां के ड्रेनेज के पानी को पाइप लाइन डाल मुख्य लाइन से मिलाया जाएगा।
निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने निगम अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि नाला टेपिंग कार्य के दौरान पूरी सतर्कता बरती जाए। एक भी जगह से खान या सरस्वती नदी में सीवरेज का पानी नहीं मिलना चाहिए। घरों या इमारतों से निकलने वाले पानी की आवक रोकी जाए और उसे योजना के हिसाब से लाइन से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तक भेजा जाए।
आयुक्त बुधवार सुबह नाला टेपिंग के कार्यों का निरीक्षण कर रही थीं। उन्होंने मच्छी बाजार से वाटर प्लस के तहत किए जा रहे कार्यों का अवलोकन शुरू किया। अधिकारियों ने उन्हें नक्शे में बताया कि नाला टेपिंग पर कहां-कहां काम हो रहा है। बाद में आयुक्त हरसिद्धि मंदिर के सामने नाला टेपिंग का काम देखने गईं। निगम के अपर आयुक्त संदीप सोनी ने बताया कि मच्छी बाजार, हरसिद्धि मंदिर के आसपास और पागनीसपागा क्षेत्र में नाला टेपिंग का ज्यादातर काम पूरा हो चुका है।
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