इंदौर में शिवाजी मार्केट के फुटपाथ पर स्ट्रीट लाइट में पढ़कर 10वीं की परीक्षा में 68% अंक लाने वाली भारती खांडेकर को एक सुखद खबर मिली है. इंदौर नगर निगम द्वारा भारती के परिवार को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भूरी टेकरी पर बने एक फ्लैट देने का निर्णय किया है. इंदौर की निगम आयुक्त प्रतिभा पाल के निर्देश पर इंजीनियर महेश शर्मा ने भारती के परिवार को तलाशकर उन्हें यह जानकारी दी है. भारती को दिए जाने वाले फ्लैट के लिए रकम की व्यवस्था जनभागीदारी से की जाएगी.
इंदौर नगर निगम की आयुक्त प्रतिभा पाल ने बृहस्पतिवार को बताया कि हमने आर्थिक रूप से कमजोर तबके के उत्थान की एक सरकारी योजना के तहत भारती के परिवार को शहर के भूरी टेकरी क्षेत्र के बहुमंजिला परिसर में फ्लैट क्रमांक ‘सी-307’ आवंटित किया है। इस फ्लैट में एक-एक बेडरूम, हॉल और किचन है।आयुक्त प्रतिभा पाल ने कहा, वैसे तो बेघर लोगों को घर मुहैया कराना हमारा काम है। लेकिन फुटपाथ पर रहने वाली भारती और उसके परिवार के संघर्ष की कहानी हमें मीडिया से पता चली। जब मैं उससे मिली, तो उसका आत्मविश्वास देखकर दंग रह गई।
अधिकारियों ने बताया कि आईएमसी के फ्लैट आवंटन आदेश में भारती का नाम सह आवेदक और उसकी मां लक्ष्मी का नाम आवेदक के रूप में दर्ज किया गया है। नगर निगम ने फ्लैट के लिए आवंटन के आदेश में मां-बेटी की तस्वीर भी लगाई गई है।
उन्होंने बताया कि भारती के पिता दशरथ खांडेकर ठेला चलाकर मजदूरी करते हैं, जबकि उसकी मां घरों में झाडू़-पोंछा कर परिवार का पेट पालने में मदद करती हैं। इस होनहार छात्रा के दो छोटे भाई हैं। आईएमसी की ओर से फ्लैट मिलने से पहले उसका बेघर परिवार शिवाजी मार्केट के फुटपाथ पर रहता था।
नगम निगम की तरफ से इस तरह का सम्मान मिलने के बाद भारती खांडेकर ने कहा, “मैं अपने माता-पिता को पढ़ाई के लिए हौसला देने के लिए धन्यवाद करती हूं. हमारे पास रहने के लिए घर नहीं था, हम फुटपाथ पर रहते थे. मैं आईएएस बनना चाहती हूं. घर गिफ्ट देने और आगे की पढ़ाई मुफ्त करने के लिए मैं प्रशासन को धन्यवाद देना चाहती हूं.” भारती खांडेकर ने बताया कि वह रात में लिखती थी और सुबह जल्दी उठ कर पढ़ाई करती थी, भारती ने कहा, “मैंने संसाधनों के लिए कभी अपने मम्मी-पापा को परेशान नहीं किया. मैं घर पर ही पढ़ाई करती थी, परीक्षा के समय मुझे नींद नहीं आती थी.”
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